मई में Tata Motors ने जेनेक्स Nano को लॉन्च किया। अब नैनो 5-डोर है और ऑटोमेटिक ट्रान्समिशन वाली दुनिया की सबसे कम कीमत वाली कार बन गई। सितम्बर से जून तक 10 महिनों में टाटा मोटर्स 3 मॉडल पेश कर चुकी है जिनमें से Zest बिल्कुल नया प्रॉडक्ट है। वहीं विस्टा को नई पैकेजिंग व नई ब्रांडिंग के साथ बोल्ट के रूप में पेश किया गया है। जेनेक्स नैनो का पूरी तरह से कायापलट अवतार है। लेकिन इन मॉडलों को बाजार में जमाये रखना टाटा मोटर्स के लिये भारी साबित हो रहा है।
महिने दर महिने सेल्स वॉल्यूम पर नजर डालें तो Zest से टाटा मोटर्स की सेल्स Zest अप नहीं हो पाई है। मल्टी ड्राइव बोल्ट भले ही स्पोर्टी हो लेकिन सेल्स के मैदान में यह कभी भी वॉर्म अप नहीं हो पाई। मई में तो 716 बोल्ट ही बिक पाईं जबकि जनवरी और फरवरी में कम्पनी अच्छे ब्रांड केम्पेन के साथ 2500 के करीब बोल्ट डिस्पैच की थीं। बोल्ट को आये छह महिने ही हुये हैं और यह सेल्स वॉल्यूम के हिसाब से कम्पनी के लिये सबसे कमजोर मॉडल साबित हुआ है। सितम्बर में आई Zest शुरूआत में तेजी से आगे बढ़ी और होन्डा Amaze और ह्यूंदे Xcent के लिये खतरा बनती महसूस हुई। अक्टूबर में Amaze के डिस्पैच करीब 3500 यूनिट्स के रहे जो नवम्बर में बढक़र 3835 यूनिट्स के पीक लेवल पर पहुंच गये। लेकिन उसके बाद से Zest के सेल्स वॉल्यूम में लगातार गिरावट आ रही है और मई में सिर्फ 1866 Zest बिक पाईं। मई में टाटा मोटर्स ने नैनो की नई पीढ़ी के अवतार जेनेक्स नैनो को लॉन्च किया लेकिन इसका फायदा सेल्स में नजर नहीं आया। मई में कम्पनी ने सिर्फ 1365 नैनो बेचीं। दिसम्बर से मई के बीच जनवरी और मार्च दो महिने ऐसे भी रहे जब नैनो की सेल्स 2 हजार यूनिट्स के स्तर को पार कर गई। कम्पनी नये मॉडलों की पूरी रेंज लॉन्च करने की तैयारी कर रही है लेकिन ब्रांड परसेप्शन के लिहाज से सुधार आये बिना टाटा मोटर्स का टॉप ड्राइव में लौटना बहुत मुश्किल है।