आइकॉनिक क्रूजर बाइक कम्पनी Harley Davidson को अमेरिका में Emission Scandal के आरोप के बाद 15 मिलियन यानि 1.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना देना पड़ा है।
दरअसल Harley Davidson पर आरोप है कि इसे 3.40 लाख सुपर ट्यूनर डिवाइस बनाई/बेचीं जो कि इंजन की परफॉर्मेन्स को तो सुधार देती है लेकिन एक्जॉस्ट से तय मानकों से ज्यादा धुआं निकलता है।
हालांकि Harley Davidson के प्रवक्ता ने कहा है कि Harley Davidson इन आरोपों को स्वीकार नहीं करती फिर भी मामले को निपटाना चाहती है। इसके अलावा कम्पनी ने 23 अगस्त से इस सुपर ट्यूनर की सेल्स बंद कर देने का भी वायदा किया है।
इन 15 में से 12 मिलियन जुर्माना है जबकि 3 मिलियन क्लीयर एअर प्रॉजेक्ट पर खर्च किये जायेंगे।
अमेरिका में 1 साल पहले फोक्सवैगन का Emission Scandal सामने आया था। फोक्सवैगन पर आरोप है कि उसने 2 लीटर डीजल इंजन वाली गाडिय़ों में एमिशन टेस्टिंग को चकमा देने के लिये डिफीट डिवाइस नाम के स्मार्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ग्राहकों और पर्यावरण एजेंसियों को धोखा दिया। यह मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है और फोक्सवैगन को जुर्माने और मुआवजे ऑटो इंडस्ट्री की हिस्ट्री का सबसे बड़ा अरबों डॉलर देना पड़ा सकता है।
अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ईपीए को इस सुपर ट्यूनर के बारे में एक जांच के दौरान पता चला था। मामले की तह तक जाने पर पता चला कि Harley Davidson 2008 से ही अलग-अलग नामों से ये सुपर ट्यूनर बना रही है जो कि इंजन के एमिशन कंट्रोल फंक्शन को बाईपास कर देते हैं।
इस सुपर ट्यूनर को कम्पनी Harley Davidson मोटरसाइकल के साथ अलग से आफ्टरमार्केट एक्सैसरी की तरह बेचती हे। Harley Davidson के अनुसार ये सुपर ट्यूनर रेसिंग कम्पीटिशन में गाड़ी की स्पीड बढ़ाने के लिये इस्तेमाल किये जाते हैं। लेकिन इन्हें सामान्य स्ट्रीट बाइकिंग के लिये भी इस्तेामाल किया जा सकता है।
माना जा रहा है कि Harley Davidson ने करीब 12682 ऐसी बाइक्स बेची हैं जो एमिशन मानकों के अनुरूप नहीं हैं। Image Credit: usnews.com