Takata Airbag खुलने के बजाय धमाके से फटते हैं जिससे मेटल पीस और शार्पनेल हवा में उड़ते हैं और ड्राइवर व फ्रंट सीट पर बैठे पैसेंजर को चोट लगती है। Takata Airbag फटने के कारण अब तक अमेरिका में 9 लोगों की मौत की बात साबित हो चुकी है और करोड़ों गाडिय़ों को रीकॉल किया जा चुका है। माना जा रहा है एअरबैग रीकॉल के चलते ताकाता कॉर्प पर 24 अरब डॉलर यानि 1.63 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
अकेले अमेरिका में दर्जन भर ब्रांड्स की 3.4 करोड़ कारें रीकॉल हो चुकी हैं और बाकी देशों में यह आंकड़ा 70 लाख तक पहुंच सकता है। ताकाता एअरबैग रीकॉल का सबसे ज्यादा असर होन्डा कार पर पड़ा है और अकेले होन्डा की 85 लाख कारें रीकॉल हो चुकी हैं इनमें से 2.20 लाख कारों को होन्डा ने भारत में रीकॉल किया है।
माना जा रहा है कि अभी यह मामला बढ़ेगा और रीकॉल का दायरा बढक़र 29 करोड़ गाडिय़ों तक पहुंच जायेगा। यानि दुनियाभर में करीब 29 करोड़ गाडिय़ां ऐसी हैं जिनमें ताकाता कम्पनी के बनाये खुलने के बजाय धमाके साथ फटने वाले एअरबैग लगे हैं।
अभी फरवरी में ही मार्केट कन्सल्टेंट जेफ्रीज ग्रुप एलएलसी ने अनुमान लगाया था कि इस रीकॉल के कारण ताकाता को 17 अरब डॉलर का नुकसान होगा। कम्पनी ने 24 अरब डॉलर के नुकसान का जो आंकलन किया है वो कम्पनी के चार साल के सेल्स रेवेन्यू के बराबर है और टोटल असैट्स के मुकाबले 6 गुना है।
दरअसल ताकाता के इन एअरबैग में अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक वाले इन्फ्लेटर का इस्तेमाल किया गया है और अब इस विस्फोटक वाले Airbag Inflater को बैन कर दिया गया है। कम्पनी का दावा है कि अमोनियम नाइट्रेट पर नमी का असर पड़ता है और इसके चलते इन्फ्लेटर खुलने के बजाय तेजी से फटता है। एक गाड़ी के एअरबैग इन्फ्लेटर को बदलने पर 9 हजार येन यानि करीब 5300 रुपये खर्च होंगे।Photo Credit: jessiepowell.blogspot.com