बाइक्स की सेल्स अक्टूबर से ही लगातार गिर रही है। ऐसे दौर में टू-व्हीलर कम्पनियों को थोड़ी-बहुत राहत Scooter से मिल रही थी। लेकिन तीन महिने से Scooter की सेल्स ग्रोथ भी लगातार कमजोर पड़ रही है और मई में तो यह सिर्फ 2.63 फीसदी रह गई। Scooter सैगमेंट में गिरावट का यह दौर यदि ऐसे ही आगे भी चलता है तो बाइक्स की कमजोर सेल्स से परेशान टू-व्हीलर कम्पनियों के हालात बहुत मुश्किल हो सकते है। सबसे ज्यादा चुनौती उन कम्पनियों के लिये होगी जिनकी सेल्स में Scooter का हिस्सा बहुत बड़ा है। इनमें होन्डा, टीवीएस और सुजुकी शामिल है।
इंडस्ट्री का मानना है कि Scooter का 90 फीसदी मार्केट शहरों और बड़े कस्बों में है। ऐसे में यदि इनकी सेल्स गिर रही है तो इससे अर्बन इकोनॉमी में कमजोरी का संकेत माना जा सकता है।
Honda 2W ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 44.52 लाख गाडिय़ां बेची थीं जिनमें से Scooter करीब 25 लाख थे यानि 58 प्रतिशत। जबकि 6.38 लाख यूनिट्स के साथ TVS की भारत में हुई सेल्स में Scooter का हिस्सा 30 फीसदी के करीब है। Hero ने पिछले वित्तीय वर्ष में 65 लाख टू-व्हीलर बेचे थे और इनमें से 7.51 लाख Scooter थे। यानि देश के टू-व्हीलर सैगमेंट की टॉप-3 कम्पनियों में होन्डा और टीवीएस ऐसी कम्पनियां जिनकी बिक्री में Scooter मॉडलों का हिस्सा अच्छा-खासा है और यदि Scooter की सेल्स आने वाले महिनों में और कमजोर पड़ती है तो इसका असर इन कम्पनियों की परफॉर्मेन्स पर बहुत गहरा असर डालेगा।
साथ में दी गई टेबल से साफ है कि जनवरी से लगातार Scooter सैगमेंट की ग्रोथ रेट कमजोर हो रही है और मार्च के बाद से तो स्लोडाउन के साफ संकेत मिल रहे हैं। जनवरी में Scooter सेल्स 25.30 फीसदी बढ़ी लेकिन फरवरी में यह 18.78 फीसदी रह गई। अप्रेल में घरेलू बाजार में 3.44 लाख स्कूटर बिके और ग्रोथ रेट सिर्फ 5.38 फीसदी रही जबकि मई में यह घटकर सिर्फ 2.63 फीसदी रह गई।