भारत दुनिया की Road Accident कैपिटल कहलाता है। पांच लाख रोड़ एक्सीडेंट में देश में हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। Road Safety एक्सपर्ट कहते हैं कि ज्यादातर Road Accident ओवरस्पीडिंग और लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से होते है ऐसे में इनमें से 60 परसेंट मौतों को रोका जा सकता है। लेकिन मुम्बई हाईकोर्ट ने कहा है कि सिर्फ Overspeed के चलते किसी व्यक्ति पर रैश यानि खतरनाक और नेगलीजेंट यानि लापरवाही से गाड़ी चलाने का केस नहीं बनाया जा सकता।
जस्टिस अभय ओका और प्रकाश नायक की बेंच ने फैसले में कहा अभियुक्त Overspeed पर गाड़ी चला रहा था यह कहने भर से उस पर सजा की धारायें नहीं लगाई जा सकती। गाड़ी तेज चला रहा था या तेज नहीं चला रहा था तब तक रैशनैस या नेगलिजेंट ड्राइविंग पर किसी फैसले का आधार नहीं बन सकता जब तक कि उन परिस्थितियों आंकलन नहीं कर लिया जाये जिनमें उस वक्त ड्राइवर था। सिर्फ Overspeed से यह आधार मजबूत नहीं होता कि ड्राइवर *Rash or Negligent* खतरनाक या लापरवाही से गाड़ी चला रहा था।
दरअसल मुम्बई की शिवाजी पार्क पुलिस ने 2014 में खिज्जर शाह के खिलाफ *रैश और नेगलीजेंट मैनर* में गाड़ी चलाने का आरोप लगाते हुये मोटर वेहीकल एक्ट की धारा 279 और 184 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन दस पेज की चार्जशीट में पुलिस ने कहीं भी यह नहीं लिखा था कि उन्होंने किस तरह की नेगीलीजेंस यानि लापरवाही की। यदि इन धाराओं में आरोप साबित होते हैं तो 6 महिने से 5 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
नवम्बर 2016 में दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल रोड फेडरेशन्स की वल्र्ड रोड मीटिंग के मौके पर रोड ट्रान्सपोर्ट एंड हाईवे के जॉइंट सेक्रेटरी अभय दामले ने कहा था कि देश में हर साल 50 हजार लोगों की मौत Overspeeding के कारण होती है। इसे देखते हुये सरकार ने हेवी पावर वाले टू-व्हीलर और सभी ट्रक-बस में एबीएस लगाना जरूरी कर दिया है। Road Safety की दिशा में एक और कदम बढ़ाने व Overspeeding के चलते Road Accident में कमी लाने के लिये स्पीड बीप ऑडियो वॉर्निंग को बिल्कुल सीट बेल्ट वॉर्निंग की तर्ज पर जरूरी किया जा रहा है। Photo Credit: www.travelernipun.com/