कभी सोचा है पेेट्रोल की गाड़ी को डीजल या डीजल की गाड़ी को पेट्रोल से क्यों नहीं चला सकते? तो इसका जबाव ये है कि पेट्रोल इंजन में पेट्रोल और हवा के मिक्सचर को स्पार्क प्लग की चिंगारी से सुलगाया जाता है। लेकिन डीजल इंजन में स्पार्क प्लग नहीं होते। डीजल इंजन में डीजल और हवा के मिक्सचर पर पिस्टन दबाव डालते हैं जिससे वो दबता है और गर्म होकर सुलग उठता है। लेकिन जापान की कार कम्पनी माज़दा ने डीजल इंजन की तकनीक पर पेट्रोल इंजन तैयार किया है। इस Skyactiv-X इंजन में फ्यूल और हवा का मिक्सचर डीजल इंजन की तरह पिस्टन के दबाव से गर्म होकर सुलगता है।
कम्पनी की इस कामयाबी को इंजीनियरिंग के लिहाज से ब्रेकथ्रू कहा जा रहा है।
हालांकि दुनिया में फ्लेक्सी इंटरनल कम्बश्चन इंजन की कोशिश चल रही है जिसमें एक ही इंजन में पेट्रोल, डीजल व सीएनजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
माज़दा का यह Skyactiv-X इंजन कम्प्रेशन इगिनशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। अभी यह इंजन डवलप हो रहा है और 2019 से कम्पनी इसका इस्तेमाल करने लगेगी।
कॉन्सेप्ट और टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेशन के लिये कम्प्रेशन इगिनशन टेक्नोलॉजी वाले पेट्रोल इंजन बनते रहे हैं लेकिन यह पहला मौका है जब डीजल टेक्नोलॉजी पर आधारित पेट्रोल इंजन का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर उसे गाडिय़ों में इस्तेमाल किया जायेगा।
माज़दा का दावा है कि बड़ी कम्पनियां इस तरह की कोशिश सालों से कर रही हैं लेकिन वह दुनिया की पहली कार कम्पनी होगी जो इस टेक्नोलॉजी वाले इंजन को कमर्शियलाइज़ करेगी। मर्सीडीज बेंज कार बनाने वाली कम्पनी डेम्लर बेंज और जनरल मोटर्स इस तरह की टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई है।
माज़दा का दावा है कि यह इंजन 20 से 30 परसेंट से ज्यादा मायलेज देता है।
माज़दा की इस कामयाबी को ऑटोमोटिव इंजीनियर्स *मेजर ब्रेकथ्रू* कह रहे हैं।
इस तरह के इंजन को होमोजीनस चार्ज कम्प्रेशन इगिशन यानि एचसीसीआई (HCCI) इंजन कहा जाता है और फ्यूल एफीशियेंसी के मामले में यह डीजल इंजन का मुकाबला कर सकता है। इस इंजन को कड़े होते एमिशन नॉम्र्स के लिहाज से भी बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि एक तो इसका मायलेज ज्यादा है दूसरा इससे नाइट्रोजन ऑक्साइड या सूट (कालिख) का एमिशन भी ज्यादा नहीं होता।
हालांकि ऐसा नहीं है कि माज़दा के इस Skyactiv-X पेट्रोल इंजन में स्पार्क प्लग बिल्कुल नहीं लगाये गये हैं। स्पार्क प्लग तो हैं लेकिन आमतौर पर इनका इस्तेमाल नहीं होता। यानि इंजन आमतौर पर कम्प्रेशन इगिनशन टेक्नोलॉजी से ही चलता है लेकिन जब मौसम बहुत खराब हो, कम्प्रेशन इगिनशन से फ्यूल सुलगने में दिक्कत आ रही हो तो स्पार्क प्लग का इस्तेमाल होता है।
कम्प्रेशन इगिनशन टेक्नोलॉजी की यही वो लिमिटेशन यानि समस्या है जिसके कारण यह टेक्नोलॉजी अब तक इस्तेमाल नहीं हो पाई थी। लेकिन माज़दा ने कम्प्रेशन इगिनशन इंजन में स्पार्क प्लग लगाकर इस चुनौती का हल निकाल लिया है इसीलिये इसे ऑटो इंजीनियरिंग के लिहाज से बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
हालांकि ऑटो इंजीनियरिंग कम्पनी एएमईएएसएस के रयोजी मियाशिता कहते हैं कि अब यह देखना बाकी है कि Skyactiv-X इंजन कितना स्मूद है और पावर कैसी देता है। कहीं झटका तो नहीं खाता है।
माज़दा के आरएंडडी डायरेक्टर कियोशी फुजीवारा कहते हैं कि आम स्पार्क इगिनशन इंजन में फ्यूल और हवा का कुछ मिक्सचर ऐसा बच जाता है जो सुलग नहीं पाता और एक्जॉस्ट से बाहर निकल जाता है लेकिन Skyactiv-X इंजन की कम्प्रेशन इगिनशन टेक्नोलॉजी से यह भी पूरी तरह जलता है। इससे मायलेज भी बढ़ता है तो प्रदूषण भी कम होता है।