देश में किसानों का बड़ा तबका ऐसा है जो ट्रेक्टर अफोर्ड ही नहीं कर सकता। कुछ किसान ऐसे भी हैं जो मानते कि सिर्फ फसल के टाइम पर काम आता है ऐसे में ट्रेक्टर खरीदना लाखों रुपये फंसाना है। ऐसे किसान जरूरत के समय ट्रेक्टर किराये पर ले लेते हैं और गांव-गांव में ऐसे लोग मिल जायेंगे जो ट्रेक्टर खरीदते हैं और किराये पर चलाते हैं। यहां पर महिन्द्रा के फार्म इक्विपमेंट डिविजन को एक बिजनस मॉडल नजर आ रहा है। कम्पनी ने Tractor Rental के लिये ओला और ऊबर कैब की तर्ज पर Trringo के नाम से एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म शुरू किया है।
Mahindra के अनुसार ट्रिंगो को फ्रेंचाइजी मॉडल पर चलाया जायेगा और इसके जरिये कोशिश फार्म मैकेनाइजेशन को बेहतर करने में योगदान देने की है।
दस करोड़ रुपये के निवेश से शुरू किया गया यह स्टार्टअप पहले चरण में अगस्त के आखिर तक महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और कनार्टक में काम शुरू कर देगा।
ट्रिंगो दरअसल ओला और ऊबर की तरह एक मोबाइल एप होगा। जो ट्रेक्टर और खेती-बाड़ी की दूसरी मशीनों को किराये पर देने और किराये पर लेने के इच्छुक लोगों को आपस में जोड़ेगा और इसके बदले फ्रेंचाइजी मालिक को तयशुदा कमिशन मिलेगा।
टेक महिन्द्रा द्वारा विकसित इस मोबाइल एप पर अपना ऑर्डर बुक करते ही लोकेशन बेस्ड फीचर के चलते यह मैसेज उस इलाके में काम कर रही फ्रेंचाइजी तक पहुंच जायेगा।
कम्पनी के अनुसार ऐसे किसान भी हैं जो हाई एंड ट्रेक्टर और दूसरी मशीनें खरीदते हैं लेकिन सीजन पर ही इनका इस्तेमाल होता है। इस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ट्रिंगो के जरिये ऐेसे किसान अपनी मशीनों को किराये पर देकर कमाई भी कर सकते हैं।
ट्रिंगो की योजना इन पांच राज्यों में 80 फ्रेंचाइजी और 160 हब बनाने की है। ट्रिंगो पर सिर्फ महिन्द्रा नहीं बल्कि सभी ब्रांड के ट्रेक्टर और दूसरी मशीनें बुक की जा सकेंगी।