कार कम्पनी Ford ने भारत में 39315 गाडिय़ों को रीकॉल करने की बात कही है। कम्पनी ने कहा है कि वह पावर स्टीयरिंग के होज़ को बदलने के लिये पुरानी जेनरेशन की Fiesta Classic और Figo को वापस बुला रही है। रीकॉल किये जा रहे दोनों मॉडल 2004 से 2012 के बीच कम्पनी के चेन्नई प्लांट में बने हैं। Ford ने कहा है कि वह अपने डीलरों के जरिये सभी प्रभावित गाडिय़ों के हाई प्रेशर पावर स्टीयरिंग होज़ को बदलेगी।
फोर्ड ने दक्षिण अफ्रीका में भी इसी समस्या के कारण 15600 गाडिय़ों को वापस बुलाया है।
इससे पहले Ford ने भारत में 166021 फिएस्टा क्लासिक और Figo को 2013 में रिअर ट्विस्ट बीम और पावर स्टीयरिंग होज़ के कारण रीकॉल किया था।
2016 में फोर्ड ने नई जेनरेशन की Figo और इसके सेडान अवतार Aspire को एअरबैग सॉफ्टवेयर को अपडेट करने के लिये रीकॉल किया था। इस गड़बड़ी के कारण भिडंत की स्थिति में हो सकता है कि एअरबैग नहीं खुले।
पिछले साल मई में भी Ford ने 48700 ईकोस्पोर्ट को रीकॉल किया था।
भारत में अभी मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट के कारण गाडिय़ों को Recall करने का कोई कानून नहीं है। लेकिन कम्पनियां अभी सियाम की वॉलंटरी Recall कोड के तहत गाडिय़ों को तकनीकी खामी के कारण गाडिय़ों को वापस बुलाती हैं। सियाम ने वॉलंटरी रीकॉल कोड जुलाई 2012 में लागू किया था और अब तक करीब 24 लाख गाडिय़ों को इसके तहत रीकॉल किया जा चुका है। जिनमें सबसे ज्यादा करीब 5.5 लाख गाडिय़ां होन्डा की हैं।
भारत में टू-व्हीलर कम्पनियों में भी मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट की स्थिति में Recall का चलन बढ़ रहा है। सियाम की वॉलंटरी रीकॉल कोड लागू होने के बाद रीकॉल के मामले में टू-व्हीलर कम्पनियों में सबसे आगे यामहा है जिसने सबसे ज्यादा करीब 56 हजार गाडिय़ों को वापस बुलाया है।