अमेरिका और यूरोप में Emission Scandal में फंसी जर्मन कार कम्पनी Volkswagen ने 1.05 लाख पॉल्यूशन फैलाने वाली गाडिय़ों को बाई बैक करने या ठीक करने और प्रभावित ग्राहकों को मुआवजा देने के लिये कनाड़ा में 1.6 अरब डॉलर यानि 1000 करोड़ रुपये के ज्यादा का हर्जाना मंजूर किया है।
कनाड़ा में Emission Scandal की चपेट में आये 1.05 लाख में से ज्यादातर मालिकों को 3800 से 4400 डॉलर के बीच मुआवजे के अलावा बाईबैक की स्थिति में गाड़ी की वैल्यू भी मिलेगी। यदि कस्टमर चाहे तो मेंटीनेन्स कराकर गाड़ी को चला सकता है।
इसके अलावा Volkswagen को 1.5 करोड़ कनाडाई डॉलर का जुर्माना भी देना होगा।
यह मामला दरअसल सितम्बर 2015 में Emission Scandal3 के रूप में सामने आया था। एक लैब ने टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया कि Volkswagen ग्रुप की गाडिय़ों में लगे 2 लीटर के डीजल इंजन में विशेष सॉफ्टवेयर लगा है जो एमिशन टेस्टिंग के दौरान अपने आप एक्टिव होकर एमिशन को कम दिखाता है जबकि सडक़ पर यह अपने आप बंद हो जाता है और गाड़ी तय मानकों से कई-कई गुना ज्यादा पॉल्यूशन फैलाती है। इस सॉफ्टवेयर को Defeat Device कहा जा रहा है।
जून में कम्पनी ने ऐसा ही पैकेज अमेरिका में प्रभावित Volkswagen कस्टमर के लिये मंजूर किया था। अमेरिका में कम्पनी ने Emission Scandal4 की चपेट में आ रही 4.75 लाख गाडिय़ों के बाईबैक या मेंटीनेन्स और मुआवजे के लिये 10 अरब डॉलर का पैकेज देने की घोषणा की थी। इसके अलावा सरकार के जुर्माने, पर्यावरण को पहुंचे नुकसान की भरपाई के कदम उठाने और कस्टमर के साथ धोखाधड़ी आदि मामलों में भी कम्पनी करीब 8 अरब डॉलर का पैकेज दे चुकी है।
फोक्सवैगन Emission Scandal5 जहां अमेरिका और कनाड़ा में मुआवजे की घोषणा के साथ खत्म होने की कगार पर है वहीं यूरोप में कम्पनी का विरोध बढ़ता जा रहा है। Volkswagen द्वारा Emission Scandal6 के कारण रीकॉल की गई 1.10 करोड़ में से ज्यादातर गाडिय़ां यूरोपीय देशों में बिकी हैं। यूरोप के प्रभावित कस्टमर फोक्सवैगन से अमेरिका जैसा ही मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं जिसे कम्पनी नियमों का हवाला देते हुये खारिज कर चुकी है। यूरोपीय कमिशन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और कम्पनी के खिलाफ क्लास एक्शन सूट दायर करने की तैयारी कर रहा है। क्लास एक्शन सूट यानि बहुत से पीडि़त लोगों की ओर से एक ही मामले में दायर किया गया केस।