लॉन्च के तीन वर्ष से भी कम के समय में Ashok Leyland के पहले एलसीवी मॉडल Dost की सेल्स 1 लाख यूनिट्स के पार पहुंच गई।
Dost अशोक लेलैंड के पोर्टफोलियो का सबसे बड़ा वॉल्यूम ब्रांड है और यह भारत के अलावा दर्जन भर देशों में बिक रहा है। Ashok Leyland के प्रबंध निदेशक विनोद दासारी के अनुसार Dost के एक लाख यूनिट्स के स्तर को पार करने से साफ है कि अच्छे प्रॉडक्ट डिजायन और इंजीनियरिंग के चलते इसे मार्कट में स्वीकार किया गया है। हर छह मिनट में एक Dost बिकता है और अपने सैगमेंट में यह दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड है।
Ashok Leyland और Nissan निसान के जॉइंट वेंचर का प्रॉडक्ट है Ashok Leyland Dost और इसके तहत दोस्त के अलावा Stile, Partner और Mitr बस आदि कुल चार मॉडल हैं। इनमें से एमपीवी Stile बंद हो चुकी । यह निसान की Evalia का रीबैज अवतार था और निसान भी इसे फेज़ आउट कर चुकी है। यानि Dost के अलावा अब अशोक लेलैंड और निसान के जॉइंट वेंचर के सिर्फ दो प्रॉडक्ट पार्टनर और मित्र बस हैं जो महिने में मुश्किल से 200-300 कस्टमर तक पहुंच पा रहे हैं।
Ashok Leyland और Nissan के बीच 2007 में 2.5 से 7.5 टन के सैगमेंट के लिये प्रॉडक्ट डवलपमेंट, मैन्यूफैक्चरिंग और मार्केटिंग के लिये समझौता हुआ था। इस जेवी के तहत बने मॉडल अशोक लेलैंड और निसान दोनों ब्रांड के तहत बिकने थे।
Dost के लॉन्च के साथ इस जॉइंट वेंचर का पहला प्रॉडक्ट बाजार में आया था और शुरूआत अच्छी रही थी। लेकिन बाकी तीनों मॉडल खासकर स्टाइल बहुत कमजोर साबित हुई तीन साल में अशोक लेलेंड स्टाइल और इसका रीबैज अवतार निसान इवालिया की बमुश्किल 4 हजार यूनिट्स ही बिक पाईं। ईटी की खबर है कि प्रॉडक्ट फेज़ आउट होने के बावजूद कम्पनी के स्टॉकयार्ड में सैंकड़ों इवालिया/स्टाइल खड़ी हैं।
खबर है कि कम्पनी अब Ashok Leyland Dost के कई आने वाले वैरियेंट्स को भी ठंडे बस्ते में डाल चुकी है और अशोक लेलैंड-निसान का यह जॉइंट वेंचर खत्म होने के कगार पर है।