Blackbird को गिरगिट भी कह सकते हैं और अमीबा भी। गिरगिट इसलिये कि यह आपको किसी भी रंग में नजर आ सकती है। अमीबा इसलिये क्योंकि Blackbird को एडजस्ट कर दुनिया की किसी भी कार जैसा बनाया जा सकता है। इसे दरअसल कार के एडवरटाइजमेंट की शूटिंग के लिये तैयार किया गया है।
लेकिन Blackbird कोई सैलिंग के लिये नहीं है बल्कि यह सैलिंग में मदद करने के लिये बनाई गई है। दुनिया की इस पहले एडजस्टेबल कार को बहुत इनोवेटिव माना जा रहा है और इसे डिजायन करने के पीछे मकसद कार एडवरटाइजमेंट की शूटिंग को आसान और सस्ता बनाना है।
आर्मी के टेंक जैसी दिखने वाली Blackbird को आप चलता-फिरता शैशी भी कह सकते हैं। लेकिन कम्प्यूटर जेनरेटेड इमेजरी के दम पर इसे दुनिया की किसी भी कार जैसा दिखाया जा सकता है।
होता दरअसल यह है कि जब कारों के एडवरटाइजमेंट की शूटिंग होती है तो स्पीड, एंगल और आम्बियांट (आस-पास के माहौल) के कारण जैसा चाहिये वैसा फुटेज लेना बहुत मुश्किल काम होता है। सही विजुअल के लिये चूंकि बार-बार शूट करना पड़ता है इसलिये महंगा भी बहुत पड़ता है। एक-दो साल बाद जब गाड़ी का फेसलिफ्ट बाजार में आता है तो यही काम फिर से दोहराना पड़ता है।
लेकिन जिस लोकेशन पर शूट करना है वहां असली कार की जगह Blackbird को दौड़ाकर फुटेज ले लीजिये और फिर स्टूडियो में असली कार की डिजिटल लेअर लगाकर इसे असली रूप दिया जा सकता है। जब फेसलिफ्ट आये तो भी नया फुटेज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पुराने फुटेज को ही कम्प्यूटर जेनरेटेड इमेजरी के जरिये बदलकर नया रूप दिया जा सकता है। यानि फेसलिफ्ट गाड़ी के लिये नये सिरे से एड शूट करने की जरूरत ही नहीं होगी।
Blackbird जैसी इस इनोवेटिव एडजस्टेबल कार का आइडिया लंदन के विजुअल इफेक्ट स्टूडियो द मिल का है। Blackbird को डवलप करने में दो साल लगे हैं और इसे जेईएम एफ/एक्स नाम की कम्पनी की बनाया है।
Blackbird नाम Blackbird स्टेल्थ फाइटरजेट से लिया गया है और दोनों की खूबी स्टेल्थ डिजायन है।
द मिल का दावा है कि शूटिंग लोकेशन पर असली ले जाने की जरूरत नहीं होने के कारण लॉजिस्टिक्स का खर्च बचता है और डिटेलिंग व हैंडलिंग की जरूरत नहीं पड़ती।
Blackbird की लम्बाई और चौड़ाई को एक बटन दबाकर कम ज्यादा किया जा सकता है। इसका अपना कैमरा सिस्टम भी है जो चारों ओर से माहौल की फुटेज लेता रहता है ताकि विजुअल मिसमैच ना हों।
कम्पनी के अनुसार यह पक्की सडक़ पर रनिंग फुटेज लेने के लिये बनाई गई है। इसका ऑफरोड वर्जन भी तैयार किया जा रहा है।
बैटमैन आदि कई हॉलीवुड फिल्मों के विजुअल इफेक्ट तैयार कर चुके स्टीव राइट कहते हैं कि Blackbird के जरिये कोशिश किसी को धोखा देने की नहीं है। कार एडवरटाइजिंग में स्पेशल इफेक्ट की भूमिका बहुत बड़ी होती है लेकिन सोचना आसान पर उसे शूट कर पाना बहुत मुश्किल है। वैसे भी कम्पनियों की कोशिश अपनी कार को जितना हो सके सैक्सी दिखाने की होती है। लेकिन लाइव एक्शन के जरिये कार को सैक्सी दिखाने का यह टार्गेट पूरा हो पाना बहुत मुश्किल और महंगा ही नहीं होता बल्कि कई बार असंभव भी होता है।
लेकिन कस्टमर को प्रॉडक्ट की खूबियां बताने के लिये Blackbird के इस्तेमाल पर एथिक्स के सवाल भी उठाये जा रहे हैं। यह कस्टमर के साथ धोखा भी हो सकता है क्योंकि वो विज्ञापन से प्रभावित होकर फैसला करता है जबकि हकीकत में उस मॉडल में वो क्वॉलिटी ही नहीं है जो Blackbird से तैयार किये एड में उभरकर नजर आती है। ऐसे में कहीं डिस्क्लेमर दिखाने की जरूरत तो नहीं पड़ेगी जैसे कि आमतौर पर दिखाये जाते…यह स्टंट प्रॉफेशनल्स की निगरानी में किये गये हैं कृपया इन्हें घर पर करने की कोशिश ना करें।