Emission Scandal में दुनिया की सबसे बड़ी लक्जरी कार कम्पनी मर्सीडीज बेंज के फंसने के बाद अब Audi ने 8.5 लाख कारों को रीकॉल करने की घोषणा की है। कम्पनी ने कहा है कि वह दुनियाभर के देशों से यूरो-5 और यूरो-6 डीजल इंजन वाली गाडिय़ों को रीकॉल करेगी। रीकॉल के दायरे में ऑडी के अलावा फोक्सवैगन ग्रुप के अन्य ब्रांड्स पोर्शा और फोक्सवैगन के दूसरे वे मॉडल भी आयेंगे जिनमें ऑडी के बनाये इंजन लगे हैं।
ऑडी ने कहा है कि यह कदम उसने डीजल इंजन पर बैन के खतरे को टालने के लिये उठाया है। कम्पनी के अनुसार यह रीकॉल अमेरिका और कनाड़ा को छोडक़र बाकी सभी देशों पर लागू होगा और इसके दायरे में 6 और 8 सिलिंडर इंजन वाली डीजल कारें आयेंगी। कम्पनी इन कारों के एमिशन कंट्रोल सॉफ्टवेयर को अपडेट करेगी ताकि रिअल ड्राइविंग कंडिशन में भी इनका उत्सर्जन तय मानकों के अनुसार ही रहे।
Emission Scandal सितम्बर 2015 में फोक्सवैगन की डीजल गाडिय़ों में अमेरिका में जांच में स्मार्ट सॉफ्टवेयर लगा होने की खबरें आने के बाद सामने आया था और कम्पनी को दुनियाभर के बाजार से 1 करोड़ से ज्यादा डीजल गाडिय़ों को रीकॉल करना पड़ा था। यह स्मार्ट सॉफ्टवेयर जिसे Defeat Device कहा जाता है लैब टेस्ट के दौरान अपने आप एक्टिव होकर गाड़ी का एमिशन घटाकर तय मानकों पर ले आता। लेकिन जैसे ही गाड़ी सडक़ पर चलती सॉफ्टवेयर अपने आप डीएक्टिवेट हो जाता है। जांच में सामने आया कि फोक्सवैगन की जिन गाडिय़ों में डिफीट डिवाइस नाम का सॉफ्टवेयर लगा है उनका रोड ड्राइविंग के दौरान एमिशन तय मानकों से कई गुना ज्यादा पाया गया।
इस मामले में फोक्सवैगन ग्रुप पर अमेरिका में ग्राहकों को धोखा देने, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने सहित कई मामले चल रहे हैं और कम्पनी पर करीब 20 अरब डॉलर का जुर्माना, हर्जाना और कानूनी खर्च का बोझ पड़ेगा।
ऑडी की जिन गाडिय़ों को रीकॉल किया जा रहा है उनमें भी यही सॉफ्टवेयर लगा होने की बात सामने आ रही है। आपको बता दें फोक्सवैगन दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो कम्पनी है जिसके पोर्टफोलियो में फोक्सवैगन, ऑडी, स्कोडा, सीट और पोर्शा आदि ब्रांड्स हैं।
इसी तरह के मामले में पिछले दिनों मर्सीडीज बेंज ने यूरोप से 30 लाख डीजल कारों को रीकॉल करने की बात कही थी।