इन दिनों रणवीर सिंह शियाज़ में अपने आपको खास आदमी..कहें तो वीआईपी समझ रहे हैं। स्टायलिंग और पैकेजिंग के लिहाज से शियाज़ खास साबित भी हो सकती है। लेकिन यह पहली बार है जब मारूति किसी सैगमेंट में चैम्पियन नहीं बल्कि चैलेंजर है। मारुति की पहचान आम आदमी की कार बनाने वाली कम्पनी के रूप में है और यहां होन्डा सिटी की प्रीमियम ब्रांड फील उसका रास्ता रोकती नजर आती है।
साफ भी है मिड सेडान सैगमेंट में ह्यूंदे वरना, फोक्सवैगन वेंतो, स्कोडा रैपिड, फिएट लीनिया, फोर्ड फिएस्टा, रेनो स्काला और निसान सनी आदि मॉडल हैं। इस सैगमेंट में हर महिने कुल 11-12 हजार गाडिय़ां बिकती हैं जिनमें से 6 हजार अकेली होन्डा सिटी हैं।
मारुति इस सैगमेंट में जमने के लिये कोई पंद्रह साल से कोशिश कर रही है और एस्टीम से लेकर बोलेनो, एसएक्स4 और सी+ सैगमेंट में किजाशी आदि मॉडल ला चुकी है लेकिन ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। सस्ते बजट के रूप में ब्रांड पहचान भी बड़ा कारण है। लेकिन दो-ढाई साल में ये पहचान बदली है और मारुति अब 6 से 10 लाख रुपये के इसी प्राइस सैगमेंट में अर्टीगा बेच रही है जो पिछले ढाई साल में डेढ़ लाख से भी ज्यादा बिक चुकी हैं।
मारुति ने कहा है कि शियाज़ के लिये 5 हजार बुकिंग मिल चुकी हैं। लेकिन कम्पनी के डीलर इस बार थोड़े सतर्क हैं..कहीं बजट कार ब्रांड पहचान फिर दिक्कत खड़ी नहीं कर दे। सेल्स प्रॉसेस के मामले में भी कम्पनी को ऑल्टो एटीट्यूड बदलने की जरूरत है। टेस्ट ड्राइव के लिये ना तो शियाज का कस्टमर शोरूम आयेगा ना ही इंतजार करेगा। चर्चा है कि कम्पनी ने खासतौर पर शियाज़ के हर डीलरशिप पर टीम तैयार की है जिसे सॉफ्ट स्किल्स की टे्रनिंग दी जा रही है।
दूसरी तरफ होन्डा को सिटी की कस्टमर लॉयल्टी पर भरोसा है। ग्रेटर नोइडा प्लांट में मोबिलियो के लिये जगह बनाने के लिये राजस्थान के टपूकड़ा प्लांट में शिफ्ट होने के चलते सिटी का उत्पादन नहीं हो पाया और सिर्फ 757 गाडिय़ों के ही डिस्पैच हुये। शियाज की दस्तक के बावजूद होन्डा ने ऐसा कदम उठाया है जो सिटी की दमदार ब्रांड इक्विटी की ओर इशारा करता है।
शियाज के लॉन्च के तुरंत बाद ह्यूंदे वरना का भी फेसलिफ्ट अवतार आ रहा है। यह अपने सैगमेंट में सिटी के आने से पहले तक बेस्ट सेलर थी लेकिन सिटी के आने के बावजूद इसकी बिक्री पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है। सिटी फोक्सवैगन वेंतो, स्कोडा रैपिड, निसान सनी और रेनो स्काला को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है। वहीं वरना की मंथली बिक्री औसत 3 हजार यूनिट्स पर बनी हुई है।
यानि शियाज के लिये रास्ता बहुत मुश्किल है। चैम्पियन होन्डा सिटी हिमालय है जिसे पार करने के लिये जिगर चाहिये..वहीं ह् यूंदे वरना ने अंगद की तरह पांव जमा रखा है जिसे सिटी भी नहीं हिला पाई।