ब्रायन मैक्केफर्टी की अमेरिका में दो कार डीलरशिप हैं। वे अपनी सेल्स टीम को ज्यादा ललचाते नहीं हैं। फायनेन्स और इंश्योरेंस सेल्स टीम खुद बेचती है। डीलरशिप को जो मुनाफा होता है उसमें वे सेल्स टीम को फ्लेट फीस देते हैं कमिशन नहीं..भले ही बीस लाख की गाड़ी बेची या 3 लाख की। फीस में कोई कमी-बढ़ोतरी नहीं होती। मैक्केफर्टी कहते हैं कस्टमर से ज्यादा नेगोसियेशन नहीं करते वैसे भी ज्यादातर कस्टमर को झंझट पसंद भी नहीं होता। जो बेस्ट प्राइस होती है वो पहले ही ऑफर कर देते हैं।
मैक्केफर्टी का दावा है कि अमेरिका में डीलरशिप सेल्स टीम औसत जितनी गाडिय़ां बेचती हैं उनकी डीलरशिप हर एक्जीक्यूटिव उसकी तीन गुना गाड़ी बेचता है।
मैक्केफर्टी के पास आज टोयोटा की दो डीलरशिप हैं। वे कहते हैं जब उन्होंने इस ऑटो रिटेलिंग के कारोबार में कदम रखे थे तो लगा जैसे ना तो कर्मचारी खुश रहते हैं और ना ही कस्टमर। बस यही से कुछ नया करने का आइडिया आया।
वे कहते हैं सेल्स पर्सन को परसेंटेज के हिसाब से कमिशन देने के बजाय फ्लेट फीस देने से वो कस्टमर की जरूरतों का ध्यान रखने वाले एडवाइजर की तरह व्यवहार करते हैं ना कि अपने हित की सोचते हैं।
अमेरिकन फाइनेन्शियल सर्विस एसोसियेशन की कॉन्फ्रेंस में कंज्यूमर ड्रिवन इनोवेशन एट द डीलरशिप सब्जेक्ट पर बोलते हुये मैक्केफर्टी ने कहा कि यही बात फायनेन्स और इंश्योरेंस सेल्स टीम पर भी लागू होती है। कस्टमर भले ही जैसा भी एक्सटेंडेड वॉरंटी पैकेज खरीदे..महंगा या सस्ता सेल्स पर्सन को फ्लेट फीस मिलती है ना कि कमिशन। इस तरह वे महंगे लेकिन कम प्रॉडक्ट बेचने के बजाय कस्टमर के लिये सही प्रॉडक्ट अच्छे वॉल्यूम में बेच पाते हैं। नतीजा उनका सेल्सपर्सन महिने में औसत 18-20 गाडिय़ां बेच देता है। साथ ही सेल्स टीम में ऑटो इंडस्ट्री से बाहर के लोग भी काफी हैं और ये बहुत जल्दी सीख जाते हैं।
मैक्केफर्टी कहते हैं कि 1-प्राइस स्ट्रेटेजी बिल्कुल सीधी है और इसका असर भी बहुत तेज होता है और ज्यादातर डील 30 से 45 मिनट में ही पूरी हो जाती हैं। ऐसे कस्टमर में से करीब आधे रिपीट कस्टमर बन जाते हैं। Source: WardsAuto