कई बार कोशिशों के बाद आखिर Ciaz के जरिये Maruti को मिड सेडान सैगमेंट में कामयाबी हाथ लगी है। लॉन्च के सिर्फ तीन साल में ही Ciaz इतनी तेजी से उभरी है कि 1998 में लॉन्च से हाल तक मोनोपॉली बनाये रखने में कामयाब रही होन्डा सिटी को पीछे छोड़ सैगमेंट लीडर बन बैठी। 2014 में लॉन्च हुई मारुति Ciaz की अब तक करीब 1.85 लाख यूनिट्स बिक चुकी हैं लेकिन जीएसटी के कारण इसकी राह आगे आसान नज़र नहीं आ रही है।
GST सिस्टम में हाइब्रिड कारों को 28+15 परसेंट के स्लैब में रखा गया है जबकि पहले इन पर फेम स्कीम की रियायत के चलते सिर्फ 12.5 टेक्स लग रहा था। नतीजा यह हुआ है कि Ciaz के एसएचवीएस (स्मार्ट हाइब्रिड) सिस्टम से लैस डीजल वैरियेंट्स की प्राइस में 1 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई। कुछ राज्यों जहां इन गाडिय़ों पर पहले वैट कम था वहां प्राइस डेढ़ लाख रुपये तक बढऩे की खबरें हैं।
टेक्स छूट खत्म होने के कारण प्राइस बढऩे के चलते Ciaz की सेल्स में नुकसान हुआ है। 2016 में जून-नवम्बर के बीच Maruti ने 32513 Ciaz बेची थीं लेकिन 2017 के इन्हीं 6 महिनों में Ciaz का सेल्स वॉल्यूम घटकर 30503 यूनिट्स रह गया। सेल्स में करीब 7 परसेंट की गिरावट के बावजूद Ciaz अपने सैगमेंट में अब भी बेस्ट सेलर बनी हुई है।
अक्टूबर में Maruti ने Ciaz के कस्टमर बेस में युवाओं को शामिल करने के लिये इसका स्पोर्टी वैरियेंट Ciaz S लॉन्च किया है।
भारत सरकार ने हाइब्रिड गाडिय़ों को अपने ग्रीन प्लान से अलग रखा है और टेक्स छूट को बंद कर पर सामान्य पेट्रोल/डीजल कार की तरह टेक्स लगाने का फैसला किया है।
Maruti के पोर्टफोलियो में Ciaz के अलावा अर्टीगा के डीजल वैरियेंट्स में भी स्मार्ट हाइब्रिड सिस्टम लगा है।
वित्त वर्ष 2016 में में Ciaz की सेल्स 67 परसेंट के भारी उछाल के साथ 54233 यूनिट्स रही थी और वित्त वर्ष 2017 में हाई वॉल्यूम बेस के बावजूद इसकी सेल्स में 18.8 परसेंट की ग्रोथ हुई और कम्पनी ने 64448 Ciaz बेचीं।
Maruti के सीएफओ अजय सेठ ने कहा है कि जीएसटी के चलते हाइब्रिड कारों के बायर घट रहे हैं। पहले Ciaz की टोटल सेल्स में हाइब्रिड वैरियेंट्स का योगदान 70 परसेंट था लेकिन जीएसटी के बाद यह घटकर 32 परसेंट रह गया है। अर्टीगा की सेल्स में हाइब्रिड वैरियेंंट का हिस्सा पहले 70 परसेंट था जा अब घटकर 50 परसेंट रह गया है।